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(2 Reviews)

बेवकूफ़ी का सफ़र (eBook)

Type: e-book
Genre: Travel
Language: Hindi
Price: ₹40
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

वर्ष 2010 से 2024 के दौरान की गयी ट्रेन और हवाई यात्राओं के यात्रा वृत्तांत।

About the Author

लेखक: अनूप शुक्ल
जन्मतिथि: 20.04.1964
शिक्षा: बीई. एम.टेक.
प्रकाशित पुस्तकें: पुलिया पर दुनिया, बेवकूफ़ी का सौंदर्य, सूरज की मिस्ड काल, आलोक पुराणिक -व्यंग्य का एटीएम, झाड़े रहो कलट्टरगंज, घुमक्कड़ी की दिहाड़ी, अनूप शुक्ल-चयनित व्यंग्य रचनाएँ।
2004 से हिंदी ब्लाग लेखन। फ़ुरसतिया,चिट्ठाचर्चा प्रमुख ब्लाग।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत फ़ील्ड यूनिट कानपुर से उपमहानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त।
सम्पर्क: anupkidak@gmail.com
मोबाइल: 9425802524

Book Details

Publisher: Pothi.com
Number of Pages: 150
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

बेवकूफ़ी का सफ़र

बेवकूफ़ी का सफ़र

(5.00 out of 5)

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2 Customer Reviews

Showing 2 out of 2
ananyshukla1996 1 week, 5 days ago Verified Buyer

Brilliantly written

Highly captivating. Binds you till the end. Great piece of writing, can't wait for more

bharat.anurag007 1 week, 6 days ago Verified Buyer

गज़ब की पठनीयता और सरलता

शुक्ल जी के लेखन को फेसबुक पर पढ़ता रहा हूँ | बड़े तल्लीन भाव से आप सामान्य जनमन की भाव और भावना को व्यक्त करते हैं | इस पुस्तक में सहजता है और सरलता भी | बेवकूफ़ी भरे शीर्षक ने पहले तो कुछ अनमना किया पर जब पढने लगा तो लगा कि पूरा पढ़कर ही दम लूँ | शुक्ल जी के लेखन में कोई दिखावा नहीं है | कथन,पात्र,घटना और प्रसंग के साथ संवाद, वार्तालाप सब एकदम सीधे सीधे मनोभावों के साथ सीढ़ी सपाट शैली में | दरअसल आजकल जो भी सीधा है सपाट है और बिना बनावट और बुनावट के है वह बेवकूफ ही है | जबतक आप में यह क्षमता न हो कि आप दूसरे के लिए कोई न कोई दैहिक,मानसिक,आर्थिक ,नैतिक खतरा पैदा कर सकें तब तक आप हासिये पर रहेंगे | भारत के समाज में देखा गया है कि मांग करते हैं रेल पटरियां उखाड़कर,या रोड जाम करके अगर आप सीधी सपाट भाषा में चिट्ठी या ज्ञापन लिखकर कुछ मांगें तो कौन सुनेगा ,आगे बढ़ो ! यही मिलेगा | शुक्ल जी मुझे सदैव इस देश के सामान्य जन के लेखक लगे | इस पुस्तक की मुद्रित प्रति लेना चाहेंगे वह भी कम से कम एक दर्जनभर ! अपने मित्रों को देंगे पढने को | पोथी प्रकाशन की वेबसाईट अच्छी लगी !

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