Ratings & Reviews

कृष्ण की अग्रपूजा

कृष्ण की अग्रपूजा

(5.00 out of 5)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

1 Customer Review

Showing 1 out of 1
Kamlesh Tripathi 5 years, 10 months ago

Re: कृष्ण की अग्रपूजा (eBook)

हिंदी साहित्य में ख़त्म हो रहे पौराणिक नाटकों के प्रति समर्पण के दौरान यह नाटक उपयुक्त है | इस नाटक में मनोरंजन के साथ ज्ञान भी भरा हुआ है ,इसकी रचना वर्तमान समय में बढ़ रहे बाल एकांकी लिखने के प्रचलन को और तेज़ करता है |
इस नाटक में अभिनय की दृष्टिकोण से देखा जाये तो बाल रंगकर्मियों के अतिरिक्त वरिष्ठ व युवा रंगकर्मी भी मंचन कर सकते है |
आप यदि महाभारत के कई बड़े प्रसंगो के बारे में अच्छा ज्ञान नहीं रखते है ,तो भी आप इस पुस्तक को खरीद सकते है |