हिंदी साहित्य में ख़त्म हो रहे पौराणिक नाटकों के प्रति समर्पण के दौरान यह नाटक उपयुक्त है | इस नाटक में मनोरंजन के साथ ज्ञान भी भरा हुआ है ,इसकी रचना वर्तमान समय में बढ़ रहे बाल एकांकी लिखने के प्रचलन को और तेज़ करता है | इस नाटक में अभिनय की दृष्टिकोण से देखा जाये तो बाल रंगकर्मियों के अतिरिक्त वरिष्ठ व युवा रंगकर्मी भी मंचन कर सकते है | आप यदि महाभारत के कई बड़े प्रसंगो के बारे में अच्छा ज्ञान नहीं रखते है ,तो भी आप इस पुस्तक को खरीद सकते है |
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हिंदी साहित्य में ख़त्म हो रहे पौराणिक नाटकों के प्रति समर्पण के दौरान यह नाटक उपयुक्त है | इस नाटक में मनोरंजन के साथ ज्ञान भी भरा हुआ है ,इसकी रचना वर्तमान समय में बढ़ रहे बाल एकांकी लिखने के प्रचलन को और तेज़ करता है | इस नाटक में अभिनय की दृष्टिकोण से देखा जाये तो बाल रंगकर्मियों के अतिरिक्त वरिष्ठ व युवा रंगकर्मी भी मंचन कर सकते है | आप यदि महाभारत के कई बड़े प्रसंगो के बारे में अच्छा ज्ञान नहीं रखते है ,तो भी आप इस पुस्तक को खरीद सकते है |
Re: कृष्ण की अग्रपूजा (eBook)
हिंदी साहित्य में ख़त्म हो रहे पौराणिक नाटकों के प्रति समर्पण के दौरान यह नाटक उपयुक्त है | इस नाटक में मनोरंजन के साथ ज्ञान भी भरा हुआ है ,इसकी रचना वर्तमान समय में बढ़ रहे बाल एकांकी लिखने के प्रचलन को और तेज़ करता है |
इस नाटक में अभिनय की दृष्टिकोण से देखा जाये तो बाल रंगकर्मियों के अतिरिक्त वरिष्ठ व युवा रंगकर्मी भी मंचन कर सकते है |
आप यदि महाभारत के कई बड़े प्रसंगो के बारे में अच्छा ज्ञान नहीं रखते है ,तो भी आप इस पुस्तक को खरीद सकते है |