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एक अजनबी के साथ सात दिन (प्रेम कहानियाँ)
टी सिंह
कहानी जब तक पूरी ना पढ़ ली जाए तब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए! ये हमें कॉलेज में साहित्य की पढ़ाई करते समय सिखाया गया था। लेकिन विडम्बना ये है के जीवन में इतना अनुभव होने के बावजूद भी आज भी हम कई कहानियों की सिर्फ दो चार पंक्तियाँ पढ़कर उसके बारे में निष्कर्ष निकाल लेते हैं के कहानी अच्छी है या बुरी है! इस जल्दबाजी में हम कई ऐसी कहानियों से वंचित रह जाते हैं जिनमें हमारे जीवन में परिवर्तन लाने की शक्ति होती है।
इस पुस्तक में जो प्रेम कहानियां हम आपको दे रहे हैं वो भी विशेष हैं, भले ही बहुत से अलग अलग दृष्टिकोणों से प्रस्तुत की गयी हैं। हर कहानी का अपना अलग जायका और अलग स्वाद है और हर कहानी एक अलग ही संदेश देती है। उम्मीद है के इन कहानियों को पढ़ने के बाद आप इनको अपनी स्मृति में हमेशा में ही अंकित करके रख लेंगे।
शुभकामना
टी सिंह
Table of Content
आज रात तुम मेरी हो
एक अजनबी के साथ सात दिन
उसको चूमना
उसके प्रेम लेख
उसके ख़त
उसकी शादी का दिन
उसकी गीली आंखें
उम्रों के वादे
उद्देश्य की तलाश
इतना तेज़ प्यार
आसानी से मिलना
आगे बढ़ जाओ
आखिर क्यों
आखरी सैर
अब क्यों?
अपरिचित ही होते
अपने प्यार की कहिये
अनकहा प्रेम
अधूरा पर सच्चा
अतीत से सामना
अच्छा बुरा
अगर एक चला गया
अंगूठी से प्यार
यादें नहीं जाती
वो प्यार करती थी
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