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इस उपन्यास में समाज के ऐसे लोगों से पाठकों को मिलवाया है जो की चंद पैसों के लालच में सरल स्वाभाव व्यक्ति को अपने चंगुल में फँसा लेते है। कैसे एक भारतीय पतिव्रता नारी अपने पति के प्राणों की रक्षा करती है उसका सजीव चित्रण इस उपन्यास में किया गया है।
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