रुड़की विश्विद्यालय (अब आई आई टी रुड़की) से इंजीयरिंग की और २२ साल तक भारतीय सेना की ई.ऍम.ई. कोर में कार्य करने के बाद ले. कर्नल के रैंक से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली . चार निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी कुछ समय के लिए काम किया। पढने के शौक ने धीरे धीरे लिखने की आदत लगा दी । कुछ रचनायें ‘पराग’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘अमर उजाला’, ‘नवनीत’ आदि पत्रिकाओं में छपी हैं। भाल्व पब्लिशिंग, भोपाल द्वारा "योग मत करो,योगी बनो” (2016) नामक पुस्तक तथा 9 साँझा-संकलन प्रकाशित हुए हैं । एक कथा संग्रह (दृष्टिकोण ) । कादम्बिनी शिक्षा एवं समाज कल्याण सेवा समिति , भोपाल तथा नई लक्ष्य सोशल एवं एन्वायरोमेन्टल सोसाइटी द्वारा वर्ष 2016 में 'साहित्य सेवा सम्मान' से सम्मानित किया गया। अमृतधारा संस्था ,जलगॉंव द्वारा 'अमृतादित्य साहित्य गौरव' सम्मान प्रदान किया गया (2018). के बी साहित्य समिति , बदायूं (उ. प्र.) द्वारा ‘हिंदी भूषण श्री’ सम्मान दिया गया (2018)।प्रजातंत्र का स्तम्भ प्रकाशन द्वारा प्रजातंत्र का स्तम्भ गौरव सम्मान प्रदान किया गया (2019) । वर्ष 2009 से ‘मेरे घर आना जिंदगी’ (http://meregharanajindagi.blogspot.in/ ) ब्लॉग के माध्यम से लेख, कहानी, कविता का प्रकाशन। कई रचनाएँ प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं तथा वेबसाइट (प्रतिलिपि.कॉम, रचनाकार.ऑर्ग आदि) में प्रकाशित हुई हैं। साहित्य के अनेको संस्थान में सक्रिय सहभागिता है । राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई गोष्ठियों में भाग लिया है तथा आलेख / शोधपत्र वाचन किया है । अंग्रेजी में भी कुछ पुस्तक और लेख प्रकाशित हुए हैं। निवास : सिकंदराबाद (तेलंगाना) सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन संपर्क : coldeepakdixit@gmail.com ,9589030075
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Re: दृष्टिकोण (eBook)
हर कहानी बड़ी सटीक है और सोचने पर मजबूर कर देती है।लेखक को इस प्रयत्न के लिए धन्यवाद।उम्मीद है आगे भी ऐसा साहित्य पढ़ने को मिलेगा ।