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प्रेरणा कथायें (चौथी पुस्तक)
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
अक्सर बड़े या बालिग़ लोग समझते हैं के प्रेरणा कथायें या प्रेरक कहानियां सिर्फ बच्चो के लिए ही होती हैं, लेकिन ये एक ऐसा विचार है जिसमे से उनके अंदर गहराई तक बैठ चुके इस भरम का आभास होता है के वो सब कुछ जान और समझ चुके है।
कहानी तो कहानी होती है पर ये पढ़ने वाले पाठक के अनुभव, बुद्धि, और उम्र पर निर्भर करता है के वो किसी कहानी में से क्या प्राप्त कर लेता है!
एक ही कहानी को अलग अलग उम्र के पाठक पढ़ते हैं, पर सभी की टिप्पणियां अलग अलग हो सकती हैं, क्योंकि कहानी खुद में ही एक विशाल सागर सी होती है जिसमें से लोग अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ बूँदैं निकाल लेते हैं!
इस श्रंखला में जो कहानियां हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हैं वो सभी उम्र और सभी वर्ग के लोगों के लिए है।
अब ये आप पर निर्भर करता है के आप क्या निकालते हैं इन कहानियों में से!
सिर्फ आनंद या समय व्यतीत करने का माध्यम मानकर इन कहानियों को पढ़ते हैं या फिर इन कहानियों में उन चीजों को खोजते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से पंक्तियों में नहीं लिखी हैं!
तो लीजिये अब आप तैयार हो जाइये इन कहानियों के गुलदस्ते के विभिन्न फूलों की खुशबु का आनंद लेने के लिए!
शुभ कामना!
Table of Content
प्रेरणा कथायें (चौथी पुस्तक)
Copyright
Table of Content
दो शब्द
रहा नहीं जाता
मोहनिया
कर्म अपने अपने
शत्रुता
मृत्यु बापू की
उसका निश्चय
बदलाव आदत में
एक झूठ
सोच अपनी अपनी
गलतियाँ शासक की
आंसू गिरने लगे
दुनिया आज की
बनें इंसान
कहाँ हैं आप
इरादा बदल दिया
अपना अपना आसमान
अच्छा बुरा
अच्छा पड़ोसी
अच्छी चीज़
अहंकार पर सवार
बेटा ऐसा भी
होता है (सच्ची घटना)
ऐसा धैर्य
ऐसा इंसान
ऐसे हालात
ऐसी औलाद
ऐसी मार
अल्लाह कहाँ नहीं?
अलविदा
अन्नदाता का धरना
अपाहिज कौम
अपाहिजों की दुनिया
अपने प्यारे लोग
अपनी गलतियां
असल चोर
असली आनंद
औलाद का फ़र्ज़
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