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बेगुनाह: बरी, मगर बर्बाद – न माफ़ी, न मुआवज़ा (eBook)

Type: e-book
Genre: Law
Language: Hindi
Price: ₹500
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

इस पुस्तक में भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की उस गहरी खामी को उजागर किया गया है, जहाँ निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फँसाकर वर्षों जेल में सड़ा दिया जाता है — और फिर न्यायालय द्वारा निर्दोष करार दिए जाने पर भी न कोई क्षमा, न कोई मुआवजा, न ही कोई पुनर्वास।

यह किताब गलत दोषसिद्धि और गलत अभियोजन से पीड़ित उन हज़ारों नागरिकों की आवाज़ है जिन्हें वर्षों तक सलाखों के पीछे पीड़ा सहनी पड़ी, केवल इसलिए क्योंकि राज्य की प्रणाली—पुलिस, अभियोजन और न्यायपालिका—ने अपने दायित्व निभाने में असफलता दिखाई।

पुस्तक में ऐतिहासिक और समकालीन केस स्टडीज़ (जैसे माचल लालुंग, विष्णु तिवारी, नंबी नारायणन, अक्षरधाम केस आदि) के माध्यम से बताया गया है कि कैसे न्याय की तलाश अक्सर अन्याय की सजा बन जाती है।
यह एक कानूनी दस्तावेज़ है, एक नैतिक आह्वान है, और एक नीति-संशोधन की माँग है—जिसमें न्यायिक, विधायी और कार्यकारी सभी अंगों को जवाबदेह ठहराया गया है।

इस पुस्तक में 24 से अधिक अध्याय हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय कानून, विधि आयोग की रिपोर्ट संख्या 277, प्रस्तावित क्षतिपूर्ति विधेयक 2025, NCRB आँकड़ों का विश्लेषण, और पुनर्वास के प्रारूप भी शामिल हैं। यह एक गंभीर शोधात्मक और संवेदनशील पुस्तक है जो भारत में न्याय के वास्तविक चेहरे से पाठकों को परिचित कराती है।

About the Author

भारत भूषण पारीक एक प्रख्यात अधिवक्ता हैं, जिनके पास भारतीय विधि प्रणाली में 36 वर्षों से अधिक का अनुभव है। न्याय प्रणाली की विसंगतियों, पुलिस और अभियोजन की जवाबदेही की कमी, और निर्दोष नागरिकों की क्रूर फँसावट पर उनके कार्यों ने उन्हें देश के अग्रणी मानवाधिकार अधिवक्ताओं में स्थान दिलाया है।

वह अनेक पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ चुके हैं—चाहे वह झूठे आरोप हों, हिरासत में उत्पीड़न, या सालों तक बिना मुकदमा लंबित पड़े केस। उनकी लेखनी कानून, संवैधानिक नैतिकता और मानवीय गरिमा के मूल्यों से प्रेरित है।

भारत भूषण पारीक की अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ हैं:

Inhuman Conditions: The Struggle for Dignity in India’s Prisons
False Rape Allegations & The Fight for Men’s Rights
Justice for Sale: The Rise of Judicial Scandals in India
Preventing Criminalization of Civil Disputes in India
COVID-19: Pandemic or Plandemic, infodemic and scamdemic?
The Economics of War: Global Conflicts and Profits

उनकी पुस्तकें देशभर के वकीलों, शोधकर्ताओं, विधि छात्रों, और नीति-निर्माताओं द्वारा सराही जाती हैं।

Book Details

Number of Pages: 269
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

बेगुनाह: बरी, मगर बर्बाद – न माफ़ी, न मुआवज़ा

बेगुनाह: बरी, मगर बर्बाद – न माफ़ी, न मुआवज़ा

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