(5.00 out of 5)
Write your thoughts about this book.
भोर सँ सॉंझ धरिक यात्रा एखने सम्पन्न भेल !सरल-सहज, भावपूर्ण-प्रवाहपूर्ण, स्वर्णिम वाल्य-काल सँ प्रारम्भ भेल जीवन-यात्राक अविरल धारकखनहुँ अाद्योपान्त विरामक अवसर नहिं देलक ।आत्माभिव्यक्तिक माध्यम सँ अपनेक अन्तस् मेप्रच्छन्न लेखन-कलाक उद्घाटन अत्यन्त रोचक आहृदयस्पर्शी लागल । कृतित्व मे अपनेक व्यक्तित्वसेहो अपन स्वाभाविक सम्पूर्णता मे प्रतिबिम्बितभेल अछि, जाहि सँ पुस्तक आद्योपान्त प्राणवान,रोचक आ लोकप्रियताक सर्वगुण-सम्पन्न लागल. हमर हार्दिक प्रेमाभिवादनक संग अनेकानेकशुभकामना ! लेखन के आयाम मे आओरो अनेकानेक विधाक जन्म अपनेक अन्तस् मेहोइत रहय आ सृजनात्मक जीवन-शैलीकआनन्द भेटैत रहय ! बहुत-बहुत धन्यवाद ! श्रीनारायण. •=•=•=•=•=•=•
To write a review, please login to your Pothi.com account.
Re: भोरसँ साँझ धरि (eBook)
भोर सँ सॉंझ धरिक यात्रा एखने सम्पन्न भेल !
सरल-सहज, भावपूर्ण-प्रवाहपूर्ण, स्वर्णिम वाल्य-
काल सँ प्रारम्भ भेल जीवन-यात्राक अविरल धार
कखनहुँ अाद्योपान्त विरामक अवसर नहिं देलक ।
आत्माभिव्यक्तिक माध्यम सँ अपनेक अन्तस् मे
प्रच्छन्न लेखन-कलाक उद्घाटन अत्यन्त रोचक आ
हृदयस्पर्शी लागल । कृतित्व मे अपनेक व्यक्तित्व
सेहो अपन स्वाभाविक सम्पूर्णता मे प्रतिबिम्बित
भेल अछि, जाहि सँ पुस्तक आद्योपान्त प्राणवान,
रोचक आ लोकप्रियताक सर्वगुण-सम्पन्न लागल.
हमर हार्दिक प्रेमाभिवादनक संग अनेकानेक
शुभकामना ! लेखन के आयाम मे आओरो अनेकानेक विधाक जन्म अपनेक अन्तस् मे
होइत रहय आ सृजनात्मक जीवन-शैलीक
आनन्द भेटैत रहय !
बहुत-बहुत धन्यवाद !
श्रीनारायण.
•=•=•=•=•=•=•