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स्व:महारत , सेल्फ मास्टरी, आत्मज्ञान (eBook)

Type: e-book
Genre: Self-Improvement
Language: Hindi
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

खुद में मास्टरी करने का मतलब हैं,

अपने जीवन की मास्टरी करना,

आपको जीवन के हर पथ पर चलना आना चाहिए

जो व्यक्ति स्वंय को भली-भांति पहचान लेता हैं, उसके जीवन में, फिर कभी कोई आभाव नहीं रहता जीवन के प्रति उसकी सभी, जिज्ञासाओं, सवालों का अंत हो जाता हैं वह संसार का सबसे संतुष्ट और आनंदित व्यक्ति हो जाता हैंऔर विशेष बात यह हैं कि इसे पाने में गरीब- आमिर का कोई भेद नहीं हैं"

संघर्ष करके जीवन में 'सफलता' मिलेगी ऐसा भी नहीं है क्यूंकि, इस दुनिया में बहुत सारे लोग संघर्ष करते है मगर, सफल कहा हो पाते है? वे संघर्ष करके ही अपनी पूरी ज़िन्दगी जी लेते है

तो संघर्ष किस तरह करना चाहिए?

"जो इन्सान इस जीवन में, समझदारी से, सावधानी से, रिसर्च करके एक अच्छे माइंडसेट के साथ सही रास्ता चुनकर अच्छी संगती बनाकर और सही वातावरण क्रिएट करके, एक क्रिएटिव 'माइंडसेट" के साथ जो इन्सान संघर्ष करता है,

वो जीवन में एक ना एक दिन सफलता जरुर हासिल करता हैऔर अपने जीवन का हीरो खुद बनता है

देखा जाए तो "आप स्वंय में एक हीरो" है बस आपको स्वंय से अवगत होना है और जीवन को समझना है आप इस पुस्तक को पढ़के स्वंय से अवगत होकर आप अपनी इच्छा नुसार जीवन जी सकते है

जीवन में हमेशा अच्छाई पर ध्यान दे क्यूंकि अच्छाई में सच्चाई होती हैं और जो सच्ची मेहनत करता हैं सफलता उसे ही मिलती हैं ये जीवन बहुत खुबसूरत हैं, लेकिन अज्ञानता की वजह से व्यक्ति खुद जीवन को दुःख में बदल देता हैं बिना जीवन की सच्चाई जाने जीवन जीते हैं इसलिए जीवन को सही ढंग से जी नहीं पातेजीवन बड़ा विशाल हैं इसे समझने के लिए जीवन की वास्तविकता को जानना आवश्यक हैं

जीवन व्यक्ति को मुश्किल इसलिए लगता हैं कि, जीवन जीने के नियम नहीं पता होते, प्रकृति के नियम नहीं जानते, अपनी शक्तिया को जागृत नहीं करते मैंने ये किताब इसलिए लिखी हैं कि हर कोई को जीवन के हर पथ पर चलना आना चाहिएजीवन को समझना चाहिए, हर व्यक्ति का अधिकार होता हैं इस जीवन में सुख, शांति, आनंद, सफलता पाए ये प्रकृति का नियम हैं लेकिन अपनी शक्तिया का गलत इस्तेमाल करके जीवन की सुख समृद्धि पाने से चुक जाते हैं

यहाँ तो हर व्यक्ति को खुलकर जीना होता हैं, हर कोई जीवन में जो चाहे वो पा सकता हैं बस सही दिशा में जाना जरुरी हैं इस जहां में हर कोई को चलाना नहीं आता अपने ही झाल में फसकर जीवन जीते हैंइस खुबसूरत जीवन को व्यर्थ करते हैं, इसलिए इस किताब मकसद हैं, हर साधारण व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सफलता, सुख शांति, वैभव हासिल करे, जीवन का आनंद ले, जीवन को सही तरीके से जिए, मुझे उम्मीद हैं आप इस किताब को पढ़कर जीवन को सफल बनाएंगे|

About the Author

क समय जब, मैं जीवन की सच्चाई को समझना चाहता था, जब मैं बहुत ज्यादा तकलीफ में जी रहा था, तब मुझे समझ में नहीं आ रहा था 'जिंदगी कैसी जी जाती हैं" जब मेरा जन्म हुआ था २००१ में भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक छोटे जिल्हे नंदुरबार में स्थित बर्डी ग़ाव में हुआ, मैं बहुत ही विकट परिस्थिति में पैदा हुआ| जब मेरा जन्म हुआ था तब 'माँ-बाप' में झगडा हुआ था इसी कारन माँ और पिता अलग हो गए| तो जन्म से लेकर आज तक मैंने मेरे पिता को नहीं देखा, आप समझ सकते हैं, पिता न होने का बच्चे पर क्या गुजरती हैं? मेरे लिए जीवन बहुत मुश्किल था| मेरी माँ मुझे किसी भी हालत में खोना नहीं चाहती थी, इसलिए एक दुसरे का सहारा लेके मुझे बड़ा किया|

जब माँ ने दूसरी शादी कीई तब मैं भी साथ में था वो समय मेरे लिए बहुत ही खतरनाक रहा| मुश्किलें बढती गई सोतेले पिता को ही मै अपना पिता मानता था| हालांकि उस समय मुझे नहीं पता था मेरे पिता कौन हैं? लेकिन जब में बड़ा होता गया तब मुझे पता चला 'मेरे पिता कोई और हैं तो उस वक्त मैं आश्चर्यचकित हो गया था| जीवन में बहुत मुश्किलें आती थी तब अकेले रो लेता था फिर आगे बढता था लेकिन माँ ने मुझे बहुत प्यार किया कभी पिता की चकल तो नहीं देखी लेकिन माँ मेरे पूरा ख्याल रखती थी|

मेरा बचपन बहुत मुश्किलों से गुजरा हैं लेकिन मैंने माँ से हर काम करना सिख लिया, अपने आपको संभलना सिख लिया, अपनी जिम्मेदारी लेना सिख लिया, मुश्किलों को सामना किया| जीवन को समझना शुरू किया| जब मैंने जीवन को करीब से अनुभव किया तब मुझे लगा 'मैं जिंदगी से जित सकता हु| मैंने अपनी सोच को ऊँचा किया और मानसिक स्थति को मजबूत बनाया इसके चलते मैं अब अपने जीवन को अच्छे से गुजार रहा हूँ| जीवन को समझा इसलिए मैंने ये किताब लिखी हैं, मुझे लोगों के जीवन में बदलाव लाना अच्छा लगता हैं| मेरा जीवन का मकसद ये ही हैं, ये मेरी पहली किताब हैं इस किताब के चलते मैं अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत कर रहा हूँ|

Book Details

Publisher: राउत लक्ष्मण
Number of Pages: 185
Availability: Available for Download (e-book)

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स्व:महारत ,  सेल्फ मास्टरी, आत्मज्ञान

स्व:महारत , सेल्फ मास्टरी, आत्मज्ञान

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