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विश्व क्षितिज पर भारत की गणना अत्यंत प्राचीन राष्ट्रों में होती है. परन्तु इस महान राष्ट्र का इतिहास कभी भी निष्पक्ष रूप से नहीं लिखा गया. प्राचीन काल के इतिहास लेखन में हर उस व्यक्ति/पक्ष की प्रशंसा की गई जिसने संघर्ष में विजय प्राप्त की. देश का मध्यकालीन इतिहास मुस्लिम लेखकों ने अपने ढंग से लिखा. तत्पश्चात ब्रिटिश काल में भारत के इतिहास को अंग्रेजों ने अपने हितों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत किया. इस सब के मध्य इतिहास की निष्पक्षता कहीं खो-सी गई.
" उलझन भरा इतिहास " पुस्तक में कई चर्चित ऐतिहासिक कृतियों के लेखक राज किशोर शर्मा 'राजे' ने इतिहास के कुछ पेचीदा प्रसंगों की वास्तविकता प्रकट की हैं कि पढने वाला एकदम चौंक जाएगा तथा इतिहास के प्रति अपनी दृष्टि की पुनरीक्षा करेगा l नि:सन्देह इतिहास प्रेमीयो के लिए ये पुस्तक कई चोकाने वाले तथ्य प्रस्तुत करेगी और कई विषय पर सोचने पर मजबूर कर देगी l इस पुस्तक मे 37 अद्ध्याय है और प्रत्येक अद्ध्याय अपने आप मे पूर्ण है l विगत काल मे उभरी इतिहास की जटिल गुथ्तियो को विद्वान लेखक ने बड़ी रोचकतापूर्ण शेली मे अपने पाठकों के सम्मुख रखा है l
एक दिलचस्प पुस्तक
इस पुस्तक में भारतीय इतिहास के उन पेचीदा प्रसंगों को उकेरा गया है जिन्हें पढ़ते हुए मन मस्तिष्क में अजीब सी उलझन उत्पन्न हो जाती है इस तरह की पुस्तक मैंने पहले कभी नहीं पढ़ी । नवीन तथ्यों का ज्ञान हुआ । पुस्तक निसंदेह बड़े परिश्रम के साथ लिखी गई है । विद्वान लेखक को बधाई ।