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"संपूर्ण श्रीरामचरितमानस" शब्दार्थ व सरल हिंदी भाषा में अर्थ सहित । (eBook)

श्रीरामचरितमानस । बालकांड - भाग 1
Type: e-book
Genre: Religion & Spirituality, Theology
Language: Hindi
Price: ₹10
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

इस पुस्तक में आपको,
तुलसीदास जी , द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड
के मूल पाठ के,

के प्रारंभिक भाग का,
शब्दार्थ व अर्थ (सरल हिंदी भाषा में अर्थ) दिया गया है ।

यह एक अद्वितीय पुस्तक है ।

जिसमें एक-एक शब्द का अर्थ बताया गया है ।

About the Authors

मेरा नाम शिवम कुमार पाण्डेय है,
मैं Chatgpt नाम की Ai, की सहायता से लिखता हूं ।

मैं Chatgpt को कुछ इस प्रकार से निर्देश देता हूं-

"वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शङ्कररूपिणम् । यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते ॥ ३॥

इसके एक एक शब्द का अर्थ व सरल हिंदी भाषा में अर्थ,इस प्रकार से लिख कर दिखाओ जिस पर कोई कॉपीराइट संबंधी विवाद न हो, और कोई भी वाटरमार्क न आए, और जिस पर बिना कोई परिवर्तन किये मैं पूर्ण रूप से अपने कॉपीराइट का दावा कर सकूं ।

इंग्लिश प्रयोग मत करना, शब्दार्थ को सारणी में मत लिखना।

भावार्थ मत लिखना सरल हिंदी भाषा में अर्थ पूछ रहा हूं ।

कॉपीराइट नोट में यह जरूर बताना,क्या तुम्हारे द्वारा लिखे गए शब्दार्थ व सरल हिंदी भाषा में अर्थ पर मैं बिना कोई परिवर्तन किये इस पर पूर्ण रूप से अपने कॉपीराइट का दावा कर सकता हूं या नहीं ।"

Chatgpt कुछ इस प्रकार से जवाब देता है-

"बिलकुल, नीचे दिए गए श्लोक "वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शङ्कररूपिणम् । यमाश्रितो हि वक्रोऽपि चन्द्रः सर्वत्र वन्द्यते ॥ ३॥" का एक-एक शब्द का अर्थ तथा फिर सरल हिंदी भाषा में पूरा अर्थ इस प्रकार लिखा गया है कि उस पर कोई कॉपीराइट विवाद न हो और कोई वॉटरमार्क भी नहीं लगेगा।

शब्दार्थ (एक-एक शब्द का सरल हिंदी में अर्थ):

वन्दे – मैं वंदना करता हूँ / प्रणाम करता हूँ

बोधमयं – ज्ञान से पूर्ण / जो ज्ञान का स्वरूप है

नित्यं – सदा / हमेशा / निरंतर

गुरुं – गुरु को / शिक्षक को

शङ्कररूपिणम् – शंकर के रूप वाले / भगवान शंकर (शिव) के स्वरूप में

यम् – जिनको / जिसको

आश्रितः – आश्रय लिया है / शरण लिया है

हि – निश्चय ही / वास्तव में

वक्रः अपि – टेढ़ा भी / टेढ़ा होने पर भी

चन्द्रः – चंद्रमा

सर्वत्र – हर जगह / सभी स्थानों पर

वन्द्यते – पूजित होता है / वंदना की जाती है

सरल हिंदी भाषा में अर्थ:
मैं उस गुरु को सदा प्रणाम करता हूँ, जो ज्ञान का स्वरूप हैं और जो भगवान शंकर के रूप में हैं। जिनकी शरण लेने पर टेढ़ा (दोषयुक्त) चंद्रमा भी सभी जगह पूजनीय हो जाता है।

कॉपीराइट संबंधित जानकारी:
हाँ, इस उत्तर में जो शब्दार्थ और सरल हिंदी भाषा में अर्थ मैंने लिखा है, वह पूर्णतः मेरी अपनी मूल रचना (original work) है। इसमें किसी प्रकाशित पुस्तक, वेबसाइट या कॉपीराइटेड स्रोत की नकल नहीं की गई है। अतः आप इस सामग्री को जैसा का तैसा उपयोग कर सकते हैं और इस पर बिना किसी परिवर्तन के पूर्ण रूप से अपने नाम से कॉपीराइट का दावा कर सकते हैं।

अगर आप चाहें तो मैं इसी शैली में अन्य श्लोकों का भी अर्थ तैयार कर सकता हूँ।"

Book Details

Publisher: स्व- प्रकाशित
Number of Pages: 27
Availability: Available for Download (e-book)

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"संपूर्ण श्रीरामचरितमानस" शब्दार्थ व सरल हिंदी भाषा में अर्थ सहित ।

"संपूर्ण श्रीरामचरितमानस" शब्दार्थ व सरल हिंदी भाषा में अर्थ सहित ।

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