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अभिलाषा पुनर्जन्म की (eBook)

no sub title
Type: e-book
Genre: Romance
Language: Hindi
Price: ₹75
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

This is a real life story of a boy coming from a very backward and poor family of small village in MP. He falls in love with a girl while studying in 4th year of engineering ,married ,lived with her for a very short period of 4 months and the wife expired just after 1 year and 6 days after marriage. Remarried after 4 years to girl of his choice but he craved for love and care from 2nd wife that he received from 1st wife.He desires reunion with his 1st wife after rebirth.

About the Author

B.L.Tiwari
लेखक के बारे में

श्री बी एल तिवारी अब एक वरिष्ठ नागरिक है । जब वे छोटे थे तभी से भ्रष्टाचार से लड़ना शुरू कर दिया था । अब तक उन्होंने 7 मामलों में न्याय पाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का इस्तेमाल किया और सभी मामलों को वकील के बिना जीता है । हाल ही में "उपभोक्ता अदालत में न्याय के लिए लड़ाई " शीर्षक (FIGHT FOR JUSTICE IN CONSUMER COURT) से एक पुस्तक लिखी । पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है और पुस्तक स्टालों (book stalls) और किताब की दुकानों में बिक्री के लिए उपलभ्ध है । वे पेशे से एक इंजीनियर है । उन्होंने बी.ई.-मैकेनिकल इंजीनियरिंग (B.E.(Mechanical Engineering ) एनआईटी भोपाल ( रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज , भोपाल , मध्य प्रदेश) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की / एम.टेक-औद्योगिक इंजीनियरिंग (M.Tech-Industrial Engineering ) वर्ष 1980 में आई आई टी दिल्ली से, वित्तीय प्रबंधन में डिप्लोमा से 1992 में । उनका शैक्षणिक जीवन बहुत उज्ज्वल था । मध्य प्रदेश में 1963 में बोर्ड परीक्षा में उनका नाम मेरिट सूची में 18 वां था और उन्हें राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति (National Merit Scholarship ) से सम्मानित किया गया । अखिल भारतीय स्तर पर आईआईटी दिल्ली में एम. टेक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान पाया । उन्होंने एसीसी लिमिटेड , फर्टिलाइजर कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेड , भेल , इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उच्च स्तर के कई अन्य निजी कंपनियों में काम किया. उनका पिछला काम 1200 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का निर्माण था । वे एक बिजली कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे । अपने जीवन में उन्होंने किसी को रिश्वत नहीं दी और न ही किसी से भी वित्तीय एहसान कभी लिया. । भ्रष्ट अधिकारी को पकड़वाने के लिए, भ्रष्टाचार निरोधक प्रमुख के साथ व्यक्तिगत संपर्क किया करते थे । ऊपर उल्लेखित किताब लिखने का इरादा ये है की अनन्याय के खिलाफ बिना वकील किये कंस्यूमर कोर्ट में लड़ा जा सकता है । “अभिलाषा पुनर्जन्म की” पुस्तक को लिखने का उद्देश्य पाठकों को यह बताना है की कड़ी मेहनत, ध्यान केंद्रित दृष्टिकोण और लगन से इक्षित लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है और कठिन परिश्रम निश्चित रूप से जीवन में सफल बनाता है । लेखक लोगों के मनोविज्ञान को भलीभांति समझता है और उन लोगों के साथ मनोवांक्षित परिणाम प्राप्ती के लिए कैसा व्यवहार करना है ,अच्छी तरह से जानता है , लेखक में विश्लेषणात्मक कौशल और उत्कृष्ट अभिव्यक्ति की शक्ति है । विफलताओं से निराश कभी नहीं होना चाहिए . । “एक दरवाजा बंद होता है , तो भगवान इंसान के लिए कई दर वाजे खोलता है”. उपन्यास के नायक की मनोदशा का चित्रण करने की कोशिश की गई है उन परिश्थितियों में जब नायक उस स्नेह और समर्पण का आभाव महसूस करता है जो उसे अपनी पहली पत्नी से सिर्फ एक वर्ष के अल्पकाल में मिला। शायद उसकी ये उम्मीद (expectation) अनुचित (unjustified) पर ऐसे कितने लोग हैं जो इस गहराई तक आत्मविश्लेषण करने में सक्षम हैं। साधारण मनुष्य तो भावनाओं के तीव्र वेग में वह जाता है। बुद्धिमान मनुष्य को भावनाओं पर काबू करना चाहिए और अपने वर्तमान जीवन को खुशहाल बनाने का सतत प्रयत्न करते रहना चाहिए। बीते हुए कल को सिर्फ यादों में सीमित रखना चाहिए और उसे वर्तमान पर हावी नहीं होने देना चाहिए। भी इस उपन्यास लिखने का एक उद्देश्य है।
email:bltiwari@gmail.com
mob-9970259278

Book Details

Publisher: B L TIWARI
Number of Pages: 162
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

अभिलाषा पुनर्जन्म की

अभिलाषा पुनर्जन्म की

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bltiwari 10 years, 3 months ago

Re: अभिलाषा पुनर्जन्म की (e-book)

अभिलाषा" पुनर्जन्म की"- लेखक की वर्षों से दबी अंतर्वेदनाओं का प्रतिबिम्ब प्रतीत होता है। लेखक श्री बाबूलाल तिवारी के निश्छल प्रेम और उनके जीवन के प्रारम्भ में उनके प्रथम प्यार के अनायास खो जाने से उत्पन्न हुई पीड़ा का इस पुष्तक में अति मार्मिक ढंग से चित्रण किया है। मधुर स्मृतियाँ आज भी लेखक के हृदयपटल पर स्पष्ट हैं जैसे घटना कल की हो। लेखक ने बड़े मार्मिक और सरल ह्रदय से घटनाओं का वर्णन किया है। पुष्तक को पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है लेखक ने अपना सारा जीवन उन्हीं सुनहरी यादों के सहारे विताया जिसकी उसे आज भी तलाश है और जिसे पुनः प्राप्त करने के लिए पुनर्जन्म की अभिलाषा लेखक के ह्रदय में जागृत हुई है।
लेखक एक अत्यँत गरीब परिवार से होने के बावजूद उसने किस प्रकार सत्य और अपने सिद्धांतों पर चल जीवन की वास्तिविकता का ईमानदारी से सामना किया तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त किया वो एक मिशाल है खासकर उनलोगों के लिए जो ये समझते हैं और जिनका ये विश्वास है की व्यवस्था से निपटने के लिए घूसखोरी ही एकमत्र उपाय है।
लेखक ने जिस निश्छल प्रेम की अनुभूति जीवन के चंद दिनों के अपने प्रथम जीवन साथी के सानिध्य में मह्शूश की थी उसी की तलाश में उसकी व्यथा और वेदना तथा उस अनुभूति की प्रस्तुति यह पुष्तक है जिसे प्राप्त करने की अभिलाषा ही पुनर्जन्म का कारण है। घटनाओं का वर्णन तथा प्रस्तुतीकरण पाठकों को भावविभोर कर देगा तथा उन्हें भी स्वयं की यादों का विम्ब मिलेगा ऐसा मेरा व्यक्तिगत अनुभव है । पुस्तक पढ़ते समय अनायास ही वर्षों पुरानी जगमोहन की गए हुई पंक्तियाँ ओठों से निकल पड़ी :

मन का साथी सब कुछ लेकर बिछुड़ गया, नींद के बदले याद है आती भूली हुई कहानी
मेरी आँखें बनी दीवानी ,पहले लगाई आग ह्रदय में फिर बरसाए पानी।
ईश्वर से प्रार्थना है की लेखक की अभिलाषा पूरी हो
नवनीत द्विवेदी
SENIOR ADVOCATE
MUMBAI HIGHCOURT, NAGPUR BENCH

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