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पुस्तक हास्य व्यंग्य से भरपूर है। इसकी पृष्ठभूमि भारतीय स्पेस एजेंसी है, जो एक विफल सैटेलाइट आरबिट के बाहर छोड़ती है। यह परलोक के नजारे धरती पर जब दिखाता तब क्या बदलाव आते हैं मानव जीवन व व्यवस्था में आते हैं, यह सब इस उपन्यास में विस्तृत हास्य के साथ पेश किया गया है।
व्यंग्य उपन्यास च्च्परलो· में सैटेलाइटज्ज् ·ी पृष्ठभूमि आधुनि· अंतरिक्ष विज्ञान और पौराणि· गल्प ·ा मिश्रण है, जिसमें स्पेस एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित सैटेलाइट ऑर्बिट ·े बाहर जाने ·े बाद आने वाले...
Re: Parlok Me Satellite (e-book). एक मित्र द्वारा भेजा गया रिवयू
व्यंग्य उपन्यास ''परलोक में सैटेलाइट'' हास्य व्यंग्य का जीवंत नायक है। इसके जरिए लेखक ने समाज के हर वर्ग को संबोधित किया है। गहन विज्ञान और मनोविज्ञान का इस्तेमाल नजर...