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दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्नमेंट फंड्स टू कैटेगरी एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का सपना पूरा करने की तैयारी है सरकारी राजस्व में 50% आरक्षण की अब बारी है (eBook)

दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्नमेंट फंड्स टू एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय
Type: e-book
Genre: Politics & Society
Language: Hindi
Price: ₹100
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

लेखक कुशाल तिवारी ने दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्मेंट फंड्स टू एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय नामक उपन्यास लिखा है और लेखक ने इस उपन्यास को गहन अध्ययन के बाद लिखा और लेखक चाहता है कि वर्तमान में आरक्षण को ओर मजबूत करना जरूरी है और ये बुक में लेखक ने एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो के जीवन को बदलने का रास्ता बताया है जो कि वर्तमान में जरूरत है क्यों कि सरकारी जान मुजकर सरकारी वैकेंसी नहीं निकाल रही क्यों की जब वैकेंसी ही नहीं निकाली जाएगी तो आरक्षण का लाभ सिर्फ शिक्षा में छात्रवृत्ति तक ही सीमित हो जाएगा पर व्यक्ति शिक्षा इसलिए लेता है कि उसे नोकरी मिले और नोकरी इसलिए करता है कि पैसा मिले ताकि वो आर्थिक तौर पर अपने परिवार को मजबूत कर सके तो लेखक ने अब इसका हल निकाला है कि क्यों ना सीधे सरकारी राजस्व में ही आरक्षण लिया जाए ताकि चाहे फिर सरकार किसी की भी आए चाहे सरकार वैकेंसी निकाले या ना निकाले इस सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो को कभी पैसे कि कमी नहीं होगी क्यों की सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद कोइ भी सरकार सरकारी राजस्व के 50% राजस्व से कोइ योजना नहीं बना सकेंगे और ये राजस्व सीधे एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के बैंक खाता में पैसा जाएगा ओर वो अपना विकास खुद अपने हाथ से करेंगे और ये आंदोलन आरक्षण पर किया जाने वाला अंतिम आंदोलन होगा इसके बाद कभी आरक्षण पर आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी

About the Author

लेखक कुशाल तिवारी ने दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्मेंट फंड्स टू एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय नामक उपन्यास लिखा है और लेखक ने इस उपन्यास को गहन अध्ययन के बाद लिखा और लेखक चाहता है कि वर्तमान में आरक्षण को ओर मजबूत करना जरूरी है और ये बुक में लेखक ने एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो के जीवन को बदलने का रास्ता बताया है जो कि वर्तमान में जरूरत है क्यों कि सरकारी जान मुजकर सरकारी वैकेंसी नहीं निकाल रही क्यों की जब वैकेंसी ही नहीं निकाली जाएगी तो आरक्षण का लाभ सिर्फ शिक्षा में छात्रवृत्ति तक ही सीमित हो जाएगा पर व्यक्ति शिक्षा इसलिए लेता है कि उसे नोकरी मिले और नोकरी इसलिए करता है कि पैसा मिले ताकि वो आर्थिक तौर पर अपने परिवार को मजबूत कर सके तो लेखक ने अब इसका हल निकाला है कि क्यों ना सीधे सरकारी राजस्व में ही आरक्षण लिया जाए ताकि चाहे फिर सरकार किसी की भी आए चाहे सरकार वैकेंसी निकाले या ना निकाले इस सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो को कभी पैसे कि कमी नहीं होगी क्यों की सरकारी राजस्व में आरक्षण के बाद कोइ भी सरकार सरकारी राजस्व के 50% राजस्व से कोइ योजना नहीं बना सकेंगे और ये राजस्व सीधे एसटी एससी ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के बैंक खाता में पैसा जाएगा ओर वो अपना विकास खुद अपने हाथ से करेंगे और ये आंदोलन आरक्षण पर किया जाने वाला अंतिम आंदोलन होगा इसके बाद कभी आरक्षण पर आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी

Book Details

Publisher: Author KUSHAL TIWARI s/o ANIL TIWARI address h.n.143 teachers colony distict NEEMUCH state madhya pradesh (india)
Number of Pages: 73
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्नमेंट फंड्स टू कैटेगरी एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का सपना पूरा करने की तैयारी है सरकारी राजस्व में 50% आरक्षण की अब बारी है

दि रिज़र्वेशन ऑफ गवर्नमेंट फंड्स टू कैटेगरी एसटी एससी ओबीसी एंड अल्पसंख्यक समुदाय बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का सपना पूरा करने की तैयारी है सरकारी राजस्व में 50% आरक्षण की अब बारी है

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