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हम सभी सुंदर एवं आकर्षक दिखना चाहते हैं। पर जैसे प्रकृति ने विभिन्न प्रकार के जीवधारी बनाए हैं उसी प्रकार सभी मनुष्यों को भी भिन्न भिन्न बनाया है। अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे बनाये हैं, फूल बनाये हैं जो देखने में भिन्न-भिन्न दिखते हैं। कुछ को हम अति सुंदर कहते हैं, आकर्षक कहते हैं, कुछ को हम सामान्य कहते हैं। इसी प्रकार प्रकृति ने मनुष्यों को भी उनकी विशिष्ट आकृतियों में बनाया है। प्रकृति की रचना में संशोधन करना तो हमारे नियंत्रण में नहीं है। पर हम स्वयं को किस प्रकार प्रस्तुत करें अर्थात हम कैसे रहते हैं और कैसे दिखते हैं यह हमारे नियंत्रण में हो सकता है एक सीमा तक। हम कैसे दिखें उसे हम अपने अनुसार ढाल सकते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि आप अपने शरीर की भौतिक बनावट तो नहीं बदल सकते पर आप अपना फिजिकल अपियरेंस यानि अपना रूप और दिखावट अवश्य परिवर्तित कर सकते हैं।
बहुधा आपने लोगों को यह कहते सुना होगा; "आज आप बहुत अच्छे लग रहे हैं। आज आप बहुत आकर्षक लग रहे हैं।" पर आप तो सदैव वही रहते हैं, तो लोग इस प्रकार की टिप्पिणियाँ क्यों करते हैं? क्योंकि भिन्न-भिन्न अवस्था में, विभिन्न प्रकार के वस्त्रों में, विभिन्न प्रकार की वेशभूषा में आप अलग-अलग दिखते हैं। कोई वेशभूषा आपकी आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देती है तो कोई वेशभूषा आपको अमावस का चाँद बना सकती है।
मात्र वेशभूषा ही नहीं आपका उठना बैठना, चलना, बोलना सभी आपके प्रस्तुति को प्रभावित करता है यानी आपकी अपीयरेंस बनाता है। आइए हम आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले, आपकी अपीयरेंस को, आपकी प्रस्तुति को आकर्षक बनाने वाले कारकों का विश्लेषण करते हैं।
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