You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
कुज्जिका मतलब गाइड अर्थात मार्गदर्शक होता है। इस पुस्तक में लिखी गई कहानियां हमारा मार्गदर्शन करती हैं। हमें किस प्रकार से नैतिक मूल्य और संस्कारों को महत्व देना चाहिए इसके साथ ही जीवन की मूलभूत बातें भी सिखाती हैं।
जिस प्रकार एक पिता अपनी पुत्री को आसानी से जीवन जीना सिखा देते हैं किस प्रकार से घर गृहस्थी को चलाया जाता है, किस प्रकार से गरीब के साथ निष्पक्ष न्याय किया जा सकता है, हमें शारीरिक श्रम करते रहना चाहिए ताकि हमारे शरीर के अंगों को जंग ना लगे, किस प्रकार से कर्तृत्व का अभिमानी नहीं होना चाहिए, किस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में अपने को परेशान होने से बचाया जा सकता है, किस प्रकार पुत्र और पुत्री में न्याय पूर्वक धन का बंटवारा होना चाहिए, किस प्रकार हमें अपने कर्मों को ईश्वर के कर्म समझ कर करना चाहिए इस प्रकार की अनेक मूलभूत बातें हमें इस पुस्तक में सीखने को मिलती है और वह भी रोचक तरीके से।
हमारा प्रयास है इन छोटी-छोटी कहानियों को आप तक पहुंचाना। पाठकों की सराहना ही हमारे प्रयास की सफलता है।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book कुज्जिका.