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आजादी के 75 वर्षों के बाद आज भी यदि हम अपने देश भारत की तुलना दूसरे विकसित देशों से करते हैं तो कहीं ना कहीं हमें यह अनुभव होता है कि हमें अपनी व्यवस्थाओं को और सशक्त करने तथा उन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
किसी भी देश का विकास उस देश की नीति तथा व्यवस्था में निहित है। यदि देश की व्यवस्था लचर होती है तो देश प्रगति के पथ पर उस गति से आगे नहीं बढ़ सकता जिस गति से उसे बढ़ना चाहिए। इस पुस्तक को बनाने का उद्देश्य भारत को विश्व गुरु बनाने से जुड़ा हुआ है। इस पुस्तक में कुछ ऐसे कानून, कानून संशोधन, मांग, सुझाव, विचार, मुद्दों को शामिल किया गया है जो भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने में मदद कर सकते हैं। कृपया इस पुस्तक (Viswa Guru Banna Hai To /विश्व गुरू बनना है तो) में दिए सभी बिंदुओं को पढ़ें और यदि आप इनसे सहमत हैं तो इस पुस्तक को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं जिससे हम व्यवस्था परिवर्तन हेतु एक मजबूत जनमत संग्रह तैयार कर सकें।
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