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विश्व गुरू बनना है तो (Viswa Guru Banna Hai To)

भारत के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू, मांगें,कानून, कानून संशोधन, मुद्दे और सुझाव
NISHANT KUMAR SAXENA
Type: Print Book
Genre: Politics & Society
Language: Hindi
Price: ₹205 + shipping
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Description

आजादी के 75 वर्षों के बाद आज भी यदि हम अपने देश भारत की तुलना दूसरे विकसित देशों से करते हैं तो कहीं ना कहीं हमें यह अनुभव होता है कि हमें अपनी व्यवस्थाओं को और सशक्त करने तथा उन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
किसी भी देश का विकास उस देश की नीति तथा व्यवस्था में निहित है। यदि देश की व्यवस्था लचर होती है तो देश प्रगति के पथ पर उस गति से आगे नहीं बढ़ सकता जिस गति से उसे बढ़ना चाहिए। इस पुस्तक को बनाने का उद्देश्य भारत को विश्व गुरु बनाने से जुड़ा हुआ है। इस पुस्तक में कुछ ऐसे कानून, कानून संशोधन, मांग, सुझाव, विचार, मुद्दों को शामिल किया गया है जो भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने में मदद कर सकते हैं। कृपया इस पुस्तक (Viswa Guru Banna Hai To /विश्व गुरू बनना है तो) में दिए सभी बिंदुओं को पढ़ें और यदि आप इनसे सहमत हैं तो इस पुस्तक को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं जिससे हम व्यवस्था परिवर्तन हेतु एक मजबूत जनमत संग्रह तैयार कर सकें।

About the Author

प्रो० निशान्त कुमार सक्सेना (पार्थ), यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण, एम० ए०, एम०बी०ए एवं ग्यारह विविध शैक्षिक डिग्री, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट प्राप्त लेखक तथा रिसर्चर हैं।
माननीय प्रधानमंत्री जी के सानिध्य में, रक्षा मंत्रालय द्वारा आपकी रचना "नेता सुभाष बलिदानी" हेतु सम्मानित, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा साहित्यिक
कृति "भारत महान", संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देशभक्ति गीत "यह नवीन भारत है" तथा एन०आई०ए, आयुष मंत्रालय द्वारा आहार विज्ञान पर लिखे काव्य के लिए अवार्ड , समेत आपको शिक्षा तथा साहित्य में पंद्रह पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
आपके दो साझा काव्य संग्रह, तथा एक एकल काव्य संग्रह "पार्थ के बाण" प्रकाशित हो चुके हैं। 10 वर्षों से आप शिक्षा, साहित्य, समाज एवं राष्ट्र सेवा में समर्पित हैं तथा स्वामी विवेकानन्द संस्कृति समिति ( भारतीय विवेक सेना) के अध्यक्ष हैं।

Book Details

ISBN: 9798223982852
Publisher: Swami Vivekanand Sanskrati Samiti
Number of Pages: 73
Dimensions: A4
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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