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प्यार करने की कोई उम्र होती है? शायद नहीं! प्यार तो किसी भी उम्र में हो सकता है। कहीं भी, किसी से भी, कभी भी हो सकता है। प्यार अपराध तो नहीं? वैसे भी प्यार तो एक तरफा ही होता है। शुरू में तो एक व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति से प्यार करता है। दूसरा व्यक्ति भी उसे प्यार करने लगे उसके लिए तो पारितोषिक ही है ना?
यह कहानी है उस व्यक्ति की जो जीवन भर प्यार को लेकर भ्रमित रहता है। जिस लड़की से भी मिलता है उसे लगता है कि उससे प्यार हो गया है। कभी यह निश्चित नहीं कर पाता कि असली प्यार कौन सा है। इसी तरह वर्षों बीत जाते हैं। फिर एक दिन वह किसी से मिलता है तब उसे लगता है कि शायद उसकी तलाश खत्म हो गई है। यही वह मंजिल है जिसके लिये वह वर्षों से भटक रहा था। किन्तु उसे जिससे प्यार होता है वह विवाहित है तो वह अपने प्यार को व्यक्त तो नहीं कर पाता, पर उससे प्रेरणा लेकर कविताएं लिखने लगता है, कहानियां लिखता है।
कुछ वर्ष बीत जाते हैं और फिर अचानक उससे मुलाकात होती है, तो वह उसे अपनी कवितायें प्रस्तुत करता है। वह समझ जाती है कि दरअसल कविताओं का केंद्र बिंदु तो वही है। अब उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी उसी पर कहानी का अंत निर्भर करता है।
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