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"घुड़दौड़" सिर्फ़ एक कहानी नहीं, एक भावनात्मक यात्रा है। यह एक छोटे से गाँव से बड़े शहर की ओर भागते हुए सपनों की कहानी है। आर्यन, जो संघर्षों की चादर ओढ़े, उम्मीदों की लौ लिए अपने गाँव से निकलता है, और शहर की चकाचौंध में अपने अस्तित्व को खोजता है। रास्ते में वह मोहब्बत, असफलता, आत्ममंथन और रिश्तों की उलझनों से गुजरता है। कहानी स्नेहा, आर्यन और उन तमाम किरदारों के ज़रिए बुनी गई है जो समाज के आईने में हमें खुद की परछाईं दिखाते हैं।
"घुड़दौड़" हर उस इंसान की आवाज़ है जो भीड़ में अपने वजूद की तलाश में है। यह किताब आपको रुलाएगी, हँसाएगी और शायद सोचने पर मजबूर कर देगी—क्या हम भी किसी न किसी घुड़दौड़ का हिस्सा हैं?
Very True Line
यह बुक बड़ी ही युवाओं को प्रेरणादायक एवं मार्गदर्शन का दिखने वाली है प्रतीक भाई को बहुत-बहुत धन्यवाद