Jāti-smaraṇa jñāna in Pancham Cal जैन मत के अनुसार पंचम काल में भरत क्षेत्र से व्रती गृहस्थ श्रावक अथवा व्रती गृहत्यागी साधु सातवें गुणस्थान तक पहुँच सकते हैं। व्रती का अर्थ उपवास आदि नही अणुव्रत, महाव्रत आदि से है !
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Jāti-smaraṇa jñāna in Pancham Cal जैन मत के अनुसार पंचम काल में भरत क्षेत्र से व्रती गृहस्थ श्रावक अथवा व्रती गृहत्यागी साधु सातवें गुणस्थान तक पहुँच सकते हैं। व्रती का अर्थ उपवास आदि नही अणुव्रत, महाव्रत आदि से है !
Re: सिद्धशिला
Jāti-smaraṇa jñāna in Pancham Cal
जैन मत के अनुसार पंचम काल में भरत क्षेत्र से व्रती गृहस्थ श्रावक अथवा व्रती गृहत्यागी साधु सातवें गुणस्थान तक पहुँच सकते हैं। व्रती का अर्थ उपवास आदि नही अणुव्रत, महाव्रत आदि से है !