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मानव जीवन का प्रत्येक क्षण मूल्यवान होता है। जो क्षण बीत जाता है, वह लौटकर नहीं आता है। इसीलिए मनुष्य के लिए यह अति आवश्यक होता है कि वह अपने जीवन के प्रत्येक क्षण के प्रति सचेत रहकर, अपने जीवन लक्ष्य को स्थिर बनाकर, अपने कार्य में लगनशील रहे। तभी उसका प्रत्येक क्षण सार्थक बन सकता है और उसको यथोचित सफलता मिल सकती है। लक्ष्य के प्रति दृढ़ स्थिरता रखने से रास्ते में आने वाली बाधाएं भी धीरे-धीरे अदृश्य होती जाती हैं क्योंकि लक्ष्य की लगन काँटों की परवाह नहीं करती है। जीवन के उद्देश्य को सदैव दृष्टिगत रखकर लक्ष्य के पथ पर निर्बाध गति से और अविचलित भाव से चलने वाला व्यक्ति ही सभी बाधाओं पर विजय प्राप्त करते हुए अपने अभीष्ट लक्ष्य को प्राप्त करता है। चाणक्य ने भी कहा है कि “भाग्य उनका साथ देता है जो कठिन परिस्थितियों का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं।”
इस पुस्तक में लक्ष्य प्राप्ति के विभिन्न सोपानों का विस्तृत वर्णन है और साथ ही लक्ष्य सिद्धि के रास्ते में आने वाली बाधाओं का भी वर्णन विस्तार से किया गया है और उनसे मुक्ति के उपाय भी सुझाए गए हैं। साथ ही मनुष्य में ऐसी कौन-कौन सी विशेषताएं या गुण होने चाहिए, जिसके पालन करने से हमारा दुरूह लक्ष्य भी आसान और प्राप्य प्रतीत होने लगता है और सफलता सामने स्पष्ट दिखाई देने लगती है और धीरे- धीरे व्यक्ति सर्वोच्च शिखर पर पहुँच जाता है। जीवन की छोटी-छोटी घटनाएं और परिस्थितियाँ हमें बहुत कुछ सिखा जाती हैं। इन्हीं सीखों, सूत्रों एवं सिद्धांतों को गहन चिंतन करके अपने में आत्मसात करने से हमारा सामाजिक जीवन सुंदर और आनंदमय बना रहता है और हम अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चले जाते हैं।
आशा करता हूँ कि यह पुस्तक मनोरंजन के साथ-साथ आपको श्रेष्ठ, चरित्रवान और व्यवहार कला में निपुण बनाकर लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाने में प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
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