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खिचड़ी राजस्थान का एक प्रसिद्ध व्यंजन है जिसमें कई प्रकार की सामग्री विशेष का समावेश होता है। ठीक उसी प्रकार इस पुस्तक में भी quotes, कविता और लघु कहानियां सम्मिलित है । इसीलिए इसे खिचड़ी संग्रह की संज्ञा दी गई । समस्त रचनाओं के केन्द्र में लक्ष्मी स्वरूपा स्त्री को रखा गया है जिसके इर्द गिर्द पुरुष की सत्ता के सहज ही दर्शन हुए है इसीलिए इसे जयश्री कहा गया है। भावनाओं के उतार चढ़ाव को बहुत ही खूबसूरत ढंग से परोसा गया है। सहज बोलचाल की (आम भाषा ) का प्रयोग रचनाओं में किया गया है ताकि आम (आदमी) से जुड़कर ये रचनाएं कुछ खास हो सके। इन रचनाओं का प्रमुख उद्देश्य समाज में जागृति लाकर अपराधिक तत्त्वों को कम करना है ताकि परिस्थितियों में अपेक्षित सुधार लाया जा सके।
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