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यह किताब सवालों से शुरू होती है और जवाबों तक पहुँचाती है। हम सबकी ज़िंदगी में ऐसे पल आते हैं जब हम सोचते हैं - क्यों हुआ? कब होना चाहिए? कहाँ जाना है? किसके साथ होना है? और कैसे करना है?
पहले हिस्से में यह किताब रोज़मर्रा की ज़िंदगी और इंसानी सोच को सरल अंदाज़ में समझाती है। दूसरे हिस्से में यह हमें बाज़ार, ब्रांड्स और बदलती टेक्नॉलॉजी की दुनिया से रूबरू कराती है।
यह सिर्फ़ जानकारी देने वाली किताब नहीं है, बल्कि सोचने का एक नया नज़रिया भी देती है। यह उन सबके लिए है जो अपनी ज़िंदगी, करियर और भविष्य को गहराई से समझना चाहते हैं।
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