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जीवन की सर्जक, राष्ट्र की मार्गदर्शक, समाज का विकास करनेवाली और परिवार को सँभालनेवाली, इन सब के अनूठे मेल की प्रतिमा है – नारी!
आपने आधुनिकता और स्वतंत्रता के नाम पर आधुनिक समाज द्वारा स्त्रियों का शोषण करने वाले ग्रन्थ पढ़े होंगे, कुछ पुस्तकें ऐसी भी पढ़ी होंगी जो कुछ सम्प्रदायों द्वारा स्त्रियों की स्वतंत्रता और उनके अस्तित्व पर प्रतिबन्ध लगाती होंगी। आपने ऐसे समुदायों को देखा भी होगा जो कि स्त्रियों को उनकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं करने देते। या फिर हो सकता है कि आपने कुछ नारीवादी ग्रन्थ भी पढ़े हों।
परन्तु, स्त्रियों को इतनी स्पष्ट रूप से समृद्ध समाज की आधारशिला कहने वाला ग्रन्थ वेदों के अतिरिक्त आप कहीं नहीं पा सकते! वेद स्त्रियों को सर्वोच्च सम्मान और सम्पूर्ण अधिकार प्रदान करते हैं। कोई आधुनिक स्त्रीवादी ग्रन्थ इस उच्चता तक नहीं पहुँचता।
‘हिन्दू धर्म में नारी की महिमा’ यह पुस्तक - ‘हिन्दू धर्म को जानें’ इस...
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