लेखक की लेखन शैली बेहद परिपक्व और सशक्त है। उन्होंने हॉरर को केवल डराने तक सीमित नहीं रखा बल्कि मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी पाठक को झकझोरा है। हर अध्याय सस्पेंस से भरा हुआ है और क्लाइमैक्स तक आते-आते कहानी अपने चरम पर पहुँच जाती है। यह किताब निश्चित रूप से भारतीय हॉरर फिक्शन के प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन तोहफ़ा है।
इस कहानी का परिचय पढ़ कर लगता हैं कहानी बड़ी ही दिलचस्प होगी। लेखनी में किए गए शब्दों का प्रयोग तथा लेखन का तरीका प्रशंसनीय है। हमें लेखक विजय से ऐसी ही और दिलचस्प कहानियों की आशा रहेंगी।
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हॉरर प्रेमियों के लिए यह किताब किसी खज़ाने से कम नहीं।
लेखक की लेखन शैली बेहद परिपक्व और सशक्त है। उन्होंने हॉरर को केवल डराने तक सीमित नहीं रखा बल्कि मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी पाठक को झकझोरा है। हर अध्याय सस्पेंस से भरा हुआ है और क्लाइमैक्स तक आते-आते कहानी अपने चरम पर पहुँच जाती है। यह किताब निश्चित रूप से भारतीय हॉरर फिक्शन के प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन तोहफ़ा है।
हॉरर प्रेमियों के लिए यह किताब किसी खज़ाने से कम नहीं।
लेखक की लेखन शैली बेहद परिपक्व और सशक्त है। उन्होंने हॉरर को केवल डराने तक सीमित नहीं रखा बल्कि मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी पाठक को झकझोरा है। हर अध्याय सस्पेंस से भरा हुआ है और क्लाइमैक्स तक आते-आते कहानी अपने चरम पर पहुँच जाती है। यह किताब निश्चित रूप से भारतीय हॉरर फिक्शन के प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन तोहफ़ा है।