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समाज उन्हें चाहे कुछ भी कहे लेकिन वह भी इंसान है | मानवता का राग अलापने वाले दोगले समाज के नियमो का में बहिष्कार करता हूँ जो एक आम इंसान को इतना प्रताड़ित करते है की वो नरक जैसा जीवन जीने को मजबूर हो जाता है , कभी- कभी सोशल मीडिया में हमें कुछ ऐसी पिक्चर्स या वीडियो देखने को मिल जाते है जिन्हे देखने के बाद हम सहम जाते है अपने आप से ही प्रश्न करते है की क्या मानवता पूरे तरीके से ख़त्म हो चुकी है? लोग क्यों खड़े होकर तमाशा देख रहे थे ? क्यों किसी ने कुछ नहीं कहा ? या क्यों नहीं रोका किसी ने ? ये सारे सवाल तो हम करते ही है और साथ साथ एक कुंठा सी होती है की क्यों ऐसा हो रहा है देश और दुनिया में ,आज हम ऐसे विषय की बात करेंगे जो गंभीर तो है ही उसके साथ साथ खतरनाक भी है |
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