कागज़ के "शेर"
कारवाँ
कालजयी लोकगीत Kaaljayee Lokgeet
किछु फुरा गेल हमरा
किताबी बाते
कुछ अधूरे से
कुछ अरमान शेष रह जाते हैं
कुछ बातें कुछ किस्से
कुछ ख़याल, कुछ अल्फ़ाज़
खाली – जहान
खुदा तुझको बना दूँ
ख्वाबों का शहर
गगन भेदी तीर
गहरे अहसास - जितने दूर, उतने पास
गीतिका
गूँज कलम की
चाँद सा जलता दीप हृदय में
चित्रांश
चीखती ख़ामोशियाँ
जावेदा इश्क़
जिंदगी
जिंदगी उधार न लेना
जिंदगी और प्रेम
जिंदगी के दो पल: आज और कल