खामोश फुसफुसाहटें (प्यार ही प्यार)
खंडित (लघु उपन्यास)
क्या मैं परिकल्पना हूँ?
कोष्टक
कोशिश जारी रखो (प्रेम और रोमांस)
कॉफ़ी के दो प्याले
कुछ भी हो सकता है
कुछ निजी नहीं (रहस्य, रोमांच)
कितने ख्वाब कितने सपने (कहानियाँ)
काश! नाम दिया जा सकता
कामदेव का प्रेमदूत
कहानियों के झरोंखों से
कहानियाँ सबके लिए (भाग 11)
कहानियाँ सबके लिए (भाग 10)
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