हरे हरे (Hare Hare) अनुप्रास अलंकार की सबसे लम्बी कविता
सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून
मोहब्बत शायरी
हरे हरे
अंजन
मेरी ज़िंदगी मे तुम
सच की तरफ मेरा पहला कदम