ढाई आखर
मानव मन
मानवी के मनके
निर्धन और मानवाधिकार
मानव धर्म
हे मानवता ! तुझको शत-शत बार नमन है
मानवाची अंतराळात झेप
ज्योतिर्मय हो मानवता पथ
मानव चरित्र और मानव मन(Human character & human mind )