लम्हों से लिपटी मेरी कविताएं
मुंडेर पर बैठी कवितायेँ
मैथिली समीक्षाशास्त्र (भाग-२, अनुप्रयोग)
सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून
मानवी के मनके
नित नवल सुभाष चन्द्र यादव
चीखती ख़ामोशियाँ
जिज्ञासा
गीतिका
तिनके
उदगार
लम्हे
लम्हे(काव्य कोष)
मेरे खेत में कविता उगे
शब्दों की कड़ाही से
आहट अंतर्मन की
दिल की अलमारी से
The Manifesto
Naz-E-Hind Subhash