लम्हों से लिपटी मेरी कविताएं
मुंडेर पर बैठी कवितायेँ
मानवी के मनके
जिज्ञासा
गीतिका
तिनके
उदगार
लम्हे
लम्हे(काव्य कोष)
मेरे खेत में कविता उगे
शब्दों की कड़ाही से
आहट अंतर्मन की
दिल की अलमारी से