जिंदगी के दो पल: आज और कल
जज़्बात
दास्तान-ए-दिल
दो शब्द
नई एहसास के पौधें
पंखुड़ियाँ
पल दो पल
बचपन के गीत (Bachpan Ke Geet)
मन के उद्गार
मन हमारा, जो लिखे वो तुम्हारा
माझ्या काही कविता !
माना की तुम ख्वाब हो
मुशायरा नई कलम के साथ
मेरे अपने नगमें
मेरे अल्फाज़
मैं अनजान सफर का राही
याद बन कर रह गए
विरहवेणू
वक़्त तो लगता है
शबनम की बूँदें
शब्दों के परे
सहमें हुए