सुशील भीमटा की कविताएं
शब्दों के परे
शबनम की बूँदें
वक़्त तो लगता है
विरहवेणू
याद बन कर रह गए
मैं अनजान सफर का राही
मेरे अल्फाज़
मेरे अपने नगमें
मुशायरा नई कलम के साथ
माना की तुम ख्वाब हो
माझ्या काही कविता !
मन हमारा, जो लिखे वो तुम्हारा
मन के उद्गार
बचपन के गीत (Bachpan Ke Geet)
पल दो पल
पंखुड़ियाँ
नई एहसास के पौधें
दो शब्द
दास्तान-ए-दिल
जज़्बात
जिंदगी के दो पल: आज और कल