इक कलम चली
Naz-E-Hind Subhash
OCTOBER BREEZE
मुंडेर पर बैठी कवितायेँ
पगडंडियां
जिज्ञासा
आहट अंतर्मन की
भेलपुरी
टहनियां
झंकार
शब्दों की कड़ाही से
गीतिका
बयार
तिनके
दिल की अलमारी से
उदगार
Patriotic Nationalist The Great Subhas Chandra Bose