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(3 Reviews)

मनरागिनी: पहला संस्करण (eBook)

साहित्य एवं माँ हिन्दी को समर्पित
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction, Poetry
Language: English, Hindi
Price: ₹21
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

मनरागिनी – पहला संस्करण

मनरागिनी पत्रिका साहित्य और भावनाओं का एक जीवंत मंच है, जिसे संपादक अनुपम कुमार ने प्रस्तुत किया है। यह पहला संस्करण विविध लेखकों की कविताओं, कहानियों और निबंधों का संग्रह है, जिसमें जीवन के छोटे-छोटे अनुभव, भावनाएँ और विचार पाठकों तक पहुँचते हैं। पत्रिका का उद्देश्य सरल लेकिन असरदार साहित्य के माध्यम से पाठकों को सोचने, महसूस करने और प्रेरित करने का अनुभव देना है। हर पृष्ठ पर रचनात्मकता और संवेदनाओं का संगम है, जो साहित्य प्रेमियों के लिए एक जीवंत और अनूठा अनुभव प्रस्तुत करता है।

About the Author

मनरागिनी पत्रिका का ये पहला अंक है इसमें 45 उत्कृष्ट लेखकों की रचनाएँ प्रस्तुत हैं, जिनमें शामिल हैं डॉ० शारदा द्विवेदी, डॉ० निरंजन कुमार यादव, मुस्कान धृति, आयुष्मान पाण्डेय, पूजा पाण्डेय, अमित कुमार अहिरवार, प्रियेश मालवीय, ओंकार सिंह ‘ग़ैर’, प्रिंस भारती, सतपाल कौर, अपूर्व तेजश मिश्रा, गार्गी गुप्ता, अंजू सुखीजा छाबड़ा, शिवाल मिश्रा, रचित पति, सृष्टि वार्ष्णेय, शीनम परवीन, अनुपम कुमार, रिचा गणेशभाई झा, सुनीता देवांगन, आस्था रतूड़ी, शिवरतन सुथार, अर्चित गुप्ता, निकिता राजपुरोहित, सत्यार्थी गौतम, अनीश नेगी, वीरेंद्र सिंह सिकरवार, तमन्ना नेगी, मानस सिंह चौहान, अमन शुक्ला, अनामिका राजवंशी, मोहिनी, शालिनी ‘कनुप्रिया’, प्रभास कुमार मिश्रा ‘सत्यम’, नितिन शर्मा, आयुष प्रताप सिंह, आशीष अवस्थी ‘खाक’, सनत कुमार सोनी, विनोद वत्स, कृष्णा विजय, कनिष्क, प्रदीप कुमार प्रेम, अक्षांश राज, संजना किरोड़ीवाल और डॉल्सी शर्मा। इन सभी लेखकों की विविध रचनाएँ—कविता, कहानी, ग़ज़ल, लेख एवं चित्र—इस पत्रिका को एक समृद्ध और प्रेरणादायक अनुभव बनाती हैं, जो पाठकों को नए विचार और भावनाओं से जोड़ती है।

Book Details

Publisher: Self-published
Number of Pages: 56
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

मनरागिनी: पहला संस्करण

मनरागिनी: पहला संस्करण

(5.00 out of 5)

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3 Customer Reviews

Showing 3 out of 3
Prince Bharti 3 months, 3 weeks ago Verified Buyer

Awesome Magzine

Thankyou team manragini, I'm overwhelmed to be the part of this ebook. Wishing for the Great success of manragini.

Ayushman Pandey 3 months, 3 weeks ago

भाई अनुपम को प्रेम व आशीर्वाद

भाई व मित्र अनुपम की मनरागिनी का यह पहला संस्करण है,
मैं उनको तहे दिल से धन्यवाद व अग्रिम बधाई देना चाहूंगा,
मित्र अनुपम की लगन से यह अपार सफलताओ को छुएगी,
एक पुत्र यह पत्रिका अपनी मां को समर्पित करता है |
भाई को शुभकामनाएं

SatyarthiKartik 3 months, 3 weeks ago

"मनरागिनी: साहित्य और संवेदना का मधुर संगम"

मनरागिनी" केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि शब्दों का एक जीवंत उत्सव है। यह साहित्य प्रेमियों के लिए एक ऐसा मंच है जहाँ कविता, कहानी, ग़ज़ल और निबंध अपनी पूरी सुंदरता और भावनात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत होते हैं।

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