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य ह कहानी वास्तविक अपराध सुर्खियों से प्रेरित है।
1. हर साल करीब 2 लाख लड़किया 'मिसिंग' (ग़ुम)हो जाती है। (टाइम्स-न्यूज)
2. नोएडा में निठारी कांड 2005/6 में डॉ कोहली और उनके सहायक नौकर बच्चियों का यौन शोषण, हत्या, नरभक्षण, मनुष्य अंगों का व्यापार, और मुर्दों के साथ सेक्स जैसे जघन्य अपराध में शामिल पाए। (टाइम्स-न्यूज)
3. सत्तर के दशक में गिरफ्तार किया गया एक टॉप का बीमा एजेंट असल में कॉन्ट्रैक्ट किलर था (इंडियन एक्सप्रेस-न्यूज)
4. टिकटॉक वीडियो गर्ल्स को सीक्रेट कोड के तौर पर इस्तेमाल करनेवाले ड्रग रैकेट का पर्दाफाश, (टाइम्स-न्यूज)
5. टिकटॉक वीडियो के लिए सेल्फी लेते समय लड़की झरने में गिर कर मर गयी (टाइम्स-न्यूज)
6. एक चोर को पुलिस ने वीटी स्टेशन पर सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया, वह फिल्म निर्देशक और निर्माता था। (द मिरर न्यूज)
7. मुम्बई नजदीक 'ठाणे' के लॉज में एक अधेड उम्र वेश्या की हत्या, 20 साल तक परिवार समझता था कि वह बैंक में नौकरी करती है। (टाइम्स-न्यूज)
8. अंधेरी में पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक मंगलसूत्र स्नैचर महिला की सम्पत्ती, सतारा में आलीशान बंगला और 4 हेक्टर जमीन (द मिरर न्यूज)
9. मीरा-भायंदर (और अहमदाबाद) स्थित एक बड़े कॉल सेंटर में छापा, एनआरआई को इंकम टेक्स डिपार्ट्मेंट के नाम से फर्जी कॉल करते थे। (टाइम्स-न्यूज)
10. चेंबूर में डांसिंग बार का मालिक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सप्लायर (इंडियन एक्सप्रेस न्यूज)
11. (1986-87) मुंबई के कॉलेज 'ड्रग हब 'थे (रेफरन्स टीवी सीरियल 'सुबह')
12. बाबा राम रहीम आश्रम न्यूज (जेल के साथ आश्रम का इंटीरियर, ड्रग बार, आजतक टीवी न्यूज)
13. बाबा रामपाल और पंचकूला हिसार समाचार, 3000 की निजी सेना ने पुलिस पर हमला किया (आज तक टीवी समाचार),
14. आसाराम बापू आश्रम, सूरत, सत्संग में 'टार्च फोकस' सीक्रेट कोड (आजतक टीवी न्यूज),
15. स्विस बैंक खाते, डिजिटल मनी ट्रांसफर धोखाधड़ी, हवाला, नकद लेनदेन, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा (टाइम्स न्यूज 2010)
16. सायन अस्पताल मुर्दाघर के कर्मचारी को मुर्दोंसे सेक्स करते हुए पाया गया (द मिरर न्यूज)
17. हरियाणा, ढाबा के पास खेत में दौड़ रही 4 नग्न महिलाएँ (टीवी पर खबर)
18. सिडनी, अमेरिका में कई भारतीय इंजीनियर (हाउसकीपिंग)संडास बाथरूम सफाई का काम कर रहे हैं, क्योंकि दो सौ डालर प्रति घण्टा मिलता है।(टी वी समाचार)
यह उपन्यास आपको एक सिनेमा जैसा विज्युअलाईजेशन करवाएगी.. क्योंकि यह मूलत: स्क्रिप्ट लिखी गई थी, फिर उसका उपन्यास लिखा गया है।
यहाँ कहानी बताने का तरीका पारम्पारिक तरीके से हटकर है। साहित्य जगत में यह एक नया प्रयोग है। 'कथा' हमेशा घटित हुई है ऐसे भूतकाल में लिखी जाती है किंतु यहाँ सिनेमेटिक इफेक्ट के चलते वर्तमान में आँखों के सामने घटित हो रहा है ऐसे लिखा गया है।
यह मूलत: दस एपिसोड की वेबसीरीज का स्क्रिप्ट है। इसके अंदर 13 गीत है जो स्वयँ लेखक द्वारा रचित है, जो गेयपूर्ण है.. गीत, कहानी को आगे बढाने में सहायक होते हैं.. उनमें गहन अर्थ छुपा हुआ होता है।
प्रस्तुत गाने, स्क्रिप्ट सबकुछ SWA बोलीवूड में कोपीराईट अंतर्गत लेखक के पास सुरक्षित है.. इसलिए फिल्म निर्माताओंसे निवेदन है कि कथावस्तु चुराने का प्रयास नहीं करें.. यह स्क्रिप्ट और कथा हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी में भी हमने लिखी है। अगर कोई निर्माता प्रस्तुत स्क्रिप्ट को पाना चाहता है तो यह टोटल प्रोजेक्ट 80 से सौ करोड का है यह ध्यान में रखे।
इस कथा का केनवास महा प्रचण्ड है, जैसे की मायकल जेक्सन का मुम्बई में कार्यक्रम.. सम्पूर्ण मुम्बई में बाबा के पोस्टर्स, क्लायमेक्स की लडाई, विदेशों के स्थलों का प्रत्यक्ष दर्शन इत्यादि इस प्रोजेक्ट को विशाल प्रोजेक्ट बना देता है।
यही इस विषय वस्तु की ताकत है और यही इसकी कमजोरी है। इतने विशाल प्रोजेक्ट को हमने NETFLIX के साथ करना चाहा लेकिन हो न पाया। तो सामान्य जनता इस विषय वस्तु से वंचित ना रहे इसलिए इसे हमने उपन्यास के रूप में पेश किया है।
अपने मन के पटल पर इस विषय को अपनी इच्छा अनुसार विज्युअलाईज करें..और आनंद लें..
डरपोक हत्यारा एक थ्रिलर कहानी है। यह उन अपराधियों की कहानी है, जिनका सामाजिक जीवन बहुत सामान्य है।
हजारों मध्यम वर्ग के शिक्षित परिवार मुंबई में तेजी से अमीर होने का सपना देखते हैं। जिससे वे आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। यह छोटे व्यावसायिक अपने अपराध को सही ठहराते हैं। अंततः अपना जीवन बर्बाद कर देते हैं। वे सामाजिक रूप से संवेदनशील होने का दयालु होने का दिखावा करते हैं, अपने रिश्तेदारों के बीच भी अच्छा नाम रखते हैं। लोग सामान्य दिखते हैं लेकिन वे मनो विकार से ग्रस्त होते हैं, शायद वे इससे अनजान हैं।
इस उपन्यास में मानव तस्करी, ड्रग सप्लाई, इटली, गाजा बेल्ट के माफिया, डिजिटल मनी हैकिंग, गलत तरीके से बसे आश्रमों में इस्तेमाल होने वाले धार्मिक दार्शनिक दर्शन इत्यादि का वर्णन हैं। इस उपन्यास में इन गतिविधियों को अनेक पात्रों के साथ खूबसूरती से बुना गया है।
नायक एक पारिवारिक व्यक्ति और नम्बर वन बीमा एजेंट है। जो वास्तव में एक मनोविकार से ग्रस्त है। 'सैडिस्टिक', नरभक्षक, और नेक्रोफिलिया(मृत शरीर के साथ यौन संबंध) से ग्रस्त यह हत्यारा जानता है कि उसकी बेटी उसके खिलाफ तहकिकात कर रही है फिर भी वह अपने परिवार से प्यार करता है। उसकी छोटी बेटी उसीके नेक्रोफीलिया की शिकार हो जाती है।
नायक के अनुसार, वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता है, लेकिन वास्तव में, उसके साथ भावनाहीन क्रूर सेक्स करता है। उसकी पत्नी भावनात्मक अवरोध के कारण किसी और से प्रेम करती है। खुलासा होने के बाद, नायक उसे बर्बरता से मार डालता है। और बेटियों के साथ सामान्य व्यवहार करता रहता है।उनकी मासूम छोटी बेटी ड्रग रैकेट का हिस्सा है।
बीच में आनेवाले भूतों के पात्र इस थ्रिलर ड्रामा में डरावनेपन को गहरा बना देते हैं।
इसमें संगठित अपराधियों की एक समानांतर कहानी है। जो समाज में प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं।
यह कहानी हरियाणा, गुजरात में हुए आश्रमों के अंदर के गलत व्यवहारों को भी दर्शाति है। इस कहानी में एक सामाजिक संदेश भी है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देता है।
पात्रों के बीच मनोवैज्ञानिक विकारों की छाया इस रोमांचक कहानी को अफलातून बनाती है। हर एक पात्र व्यवस्थीत विकसीत किया गया है।
कथा वस्तु असल में स्क्रीन प्ले होने के कारण बीच बीच में अनेक घटनाए सिनेमा के एडिटिंग का थ्रिल देती है। एक बार उपन्यास हाथ में ली तो आप नीचे नहीं रखोगे, ये वादा रहा।
यह कथा केवल वयस्कों के लिए हैं, इसमें रोमांस है, गाने हैं, सेक्स है, बलात्कार है, बर्बरता के साथ खून है, भूत के प्रसंग हैं, और पात्र एक दूसरे के साथ बोली भाषा बोलते हैं जिसमें बहोत सारी गालियां भी है।
लेकिन यह उपन्यास पोर्नोग्राफिक मटेरियल नहीं है। जहाँ जरूरत नहीं है वहाँ पर सेक्स का प्रसंग होते हुए भी वर्णन नहीं मिलेगा, अपराधिक कृत्य होने के बावजूद भी अति वर्णन नहीं है। कथा वस्तु तेजी के साथ आगे बढे इसलिए फालतू के डिटेलिंग या कुदरत का वर्णन, या पात्रों के हुलिए का अति वर्णन नहीं मिलेगा। जहाँ पर मारामारी होती है वह एक्शन सीन होने के कारण उसकी डीटेलिंग नहीं है। केवल 'घमासान मारामारी हुई' इतना ही बताया गया है।
जहाँ पर स्पेशल इफेक्ट हैं वहाँ पर भी लेखक ज्यादा वर्णन नहीं करता है, उसे भी वाचकोंके कल्पनाशक्ति के उपर छोड दिया है।
यह कहानी हर एक पात्र की अपनी 'फिलासफी' को उजागर करती है। हर एक अपराधी भी अपने आप को जस्टिफाय करता है। डा. इश्वरभाई जोषी स्वयम मनस शास्त्र तज्ञ होने के कारण हर एक पात्र की मानसिकता सामने आती है। कोई भी पात्र अधूरा छोडा नहीं है। कहीं पर भी कोई भी प्रसंग अधूरा छोडा नहीं है।
कहानी में अनेक घटनाएँ अनेक स्थल काल पर घटीत होती रहती है। इसलिए यह वाचक को बांधकर रखने में कामयाब होती है।
आईए, शुरू करें..
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