मुंडेर पर बैठी कवितायेँ
मुशायरा नई कलम के साथ
मेरी अर्थी मेरा जनाजा लाजवाब ग़ज़लें
मेरी कविताये
मेरी भावनाएं मेरी कविताएं(Meri Bhavanayen, Meri Kavitanyen)
मेरे अन्दर के शब्द, विचार और प्रेरणा
मेरे अपने
मेरे अल्फाज़
मेरे खेत में कविता उगे
मेरे गीत: देश, समाज और प्यार पर
मेरे जज्बातों का आईना
मेरे दोहे (कल और आज)
मेरे मौन शब्द
यदा-कदा
यह उन दिनों की नज्म़ है
यादगार हो तुम
रंग
रंगों की बोली
रूह और आबरू ही:
रेंज
लफ्ज़ दिल से
लम्हे(काव्य कोष)
लम्हों से लिपटी मेरी कविताएं
लय: फूल और शूल