जय श्री
जीवन के पहलू
तृतीय रत्न ( Tritiya Ratna ) (Marathi Edition)
दर्शनशास्त्र का भविष्य
धर्म इतना भ्रामक क्यों?
नित्यबोध
न्यु ईयर 21
पत्र संवाद
परमहंसप्रिया
पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण के प्रिय बनें पुरुषोत्तम मास में
प्रभु का (शिकारी) श्वान रूप
बॉस आप हैं; समय नहीं!
भर्तृहरि नीति शतकम्
भेड़िया कथा
मन चालीसा
मनु, मनवन्तर और कल्कि महावतार
महर्षि पतञ्जलि प्रणीतं योगदर्शन
मेरी चार कहानियां...
मेरी विचारधारा
योगोपनिषदों में राजयोग
विश्व के गूढ़ प्रशनों की व्याख्या-TERTIUM ORGANUM HINDI
वैश्विक बुद्ध - बुद्ध का भाग दो और अन्तिम