जिंदगी के दो पल: आज और कल
जिंदगी के मायने
जिज्ञासा
जीवन अरण्य के अद्भुत फूल
जीवन के पहलू
जीवन चित्रण
जीवन रस
ज्ञान का दीप जलाता हूँ
ज्ञानेश्वरी ( Dnyaneshwari )
ज्योतिर्मय हो मानवता पथ
झंकार
टहनियां
ठहरो अभी तो जीना शुरू किया है
तलाश
तिच्या बद्दल थोडसं
तिनके
तिमीलाई कसले भन्यो?
तुझ्या गालावरचा तीळ...! ( tuzya galavaracha till..! )
तुला कोणी सांगितलं?
त्याने मला सांगितले
दरिया को मीठा रहना था
दर्द और ख्वाब - कविता संग्रह
दर्द - ए - दास्तान
दश्त-ए-माज़ी